Ud ja hans akela- Hari Bhajan
Lyrics: उड़ जा हंस अकेला
एक डॉल दो पांच्ची रे बैठा कौन गुरु कौन चेला
गुरु की करनी गुरु भरेगा चेला की करनी चेला रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला
माटी चुन चुन महल बनाया
लोग कहे घर मेरा
ना घर तेरा ना घर मेरा चिड़िया रैन बसेरा रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला
एक डॉल दो पांच्ची रे बैठा कौन गुरु कौन चेला
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी जोड़ भारेला थैला
कहट कबीर सुनो भाई साधु
संग चले ना ढेला रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला
एक डॉल दो पांच्ची रे बैठा कौन गुरु कौन चेला
मॅट कहे ये पुत्रा हमारा बहन कहे ये मेरा
भाई कहे ये भुजा हमारी नारी कहे ये नर मेरा रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला
एक डॉल दो पांच्ची रे बैठा कौन गुरु कौन चेला
पेट पकड़ के माता रोए बह पकड़ के भाई
लपट झपट के चिड़िया रोए
हंस अकेला जाई रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला
एक डॉल दो पांच्ची रे बैठा कौन गुरु कौन चेला
जब तक जिए माता रोए बहन रोए दस्मसा
बारह दिन तक तीरिया रोए
भेद करे घर वसा रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला
एक डॉल दो पांच्ची रे बैठा कौन गुरु कौन चेला